The Noble Qur'an Encyclopedia
Towards providing reliable exegeses and translations of the meanings of the Noble Qur'an in the world languagesSad [Sad] - Hindi Translation
Surah Sad [Sad] Ayah 88 Location Maccah Number 38
सॉद। क़सम है इस उपदेश वाले क़ुरआन की!
बल्कि वे लोग जिन्होंने कुफ़्र किया, अभिमान और विरोध में पड़े हुए हैं।
हमने इनसे पहले कितने ही समुदायों को विनष्ट कर दिया, तो उन्होंने पुकारा। और वह बच निकलने का समय नहीं था।
तथा उन्होंने इसपर आश्चर्य किया कि उनके पास उन्हीं में से एक डराने वाला[1] आया! और काफ़िरों ने कहा : यह एक बड़ा झूठा जादूगर है।
क्या उसने सब पूज्यों को एक पूज्य बना दिया? निःसंदेह यह तो बड़े आश्चर्य की बात है।
और उनके प्रमुख (यह कहते हुए) चल खड़े हुए कि चलो और अपने पूज्यों पर जमे रहो। निश्चय यह एक ऐसी चीज़ है, जो वांछित (सुनियोजित)[2] है।
हमने यह बात पिछले धर्म में नहीं सुनी। यह तो मात्र बनाई हुई बात है।
क्या हमारे बीच से उसी पर उपदेश उतारा गया है? बल्कि वे मेरे उपदेश के बारे में संदेह में हैं। बल्कि उन्होंने अभी तक मेरी यातना नहीं चखी।
क्या उन्हीं के पास आपके अत्यंत प्रभुत्वशाली, परम दाता पालनहार की दया के ख़ज़ाने हैं?[3]
या आकाशों तथा धरती का और उन दोनों के बीच की चीज़ों का राज्य उन्हीं के पास है? तो उन्हें चाहिए कि (आकाशों में) रस्सियाँ तानकर चढ़ जाएँ।[4]
(यह) एक तुच्छ सी सेना है, सेनाओं में से, जो वहाँ पराजित होने वाली है।[5]
इनसे पहले नूह की जाति तथा आद और मेखों वाले (शक्तिमान) फ़िरऔन ने झुठलाया।
तथा समूद और लूत की जाति तथा ऐका (उपवन) वालों[6] ने। यही लोग वे सेनाएँ हैं।
इन सब ने रसूलों को झुठलाया, तो मेरी यातना सिद्ध हो गई।
और ये लोग केवल एक सख़्त चीख की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जिसमें कोई विराम नहीं होगा।
तथा उन्होंने कहा : ऐ हमारे पालनहार! हमें हमारा भाग हिसाब के दिन से पहले ही प्रदान कर दे।[7]
वे जो कुछ कहते हैं उसपर सब्र करें, तथा हमारे बंदे दाऊद को याद करें, जो बड़ी शक्ति वाला था। निश्चय वह (अल्लाह की ओर) बहुत लौटने वाला था।
निःसंदेह हमने पर्वतों को उसके साथ वशीभूत कर दिया था, वे शाम तथा सुबह तस्बीह (पवित्रता गान) करते थे।
तथा पक्षियों को भी, जो एकत्र किए होते। सब उसकी ओर पलटने वाले थे।
और हमने उसके राज्य को मज़बूत किया और उसे हिकमत (नुबुव्वत) तथा निर्णायक बात कहने की क्षमता प्रदान की।
तथा क्या आपके पास झगड़ने वालों का समाचार आया, जब वे दीवार फाँदकर उपासना-गृह में आ गए?
जब वे दाऊद के पास अंदर आए, तो वह उनसे घबरा गया। उन्होंने कहा : डरिए नहीं। (हम) दो झगड़ने वाले हैं। हममें से एक ने दूसरे पर अत्याचार किया है। सो आप हमारे बीच सत्य के साथ न्याय कर दें, और अन्याय न करें, तथा हमारी सीधे मार्ग की ओर रहनुमाई करें।
निःसंदेह यह मेरा भाई है। इसके पास निन्नानवे दुंबियाँ हैं और मेरे पास एक दुंबी है। तो इसने कहा कि इसे (भी) मुझे सौंप दे और इसने बात-चीत में मुझे दबा लिया।
उसने कहा : निःसंदेह उसने तेरी दुंबी को अपनी दुंबियों के साथ मिलाने की माँग करके तुझपर अत्याचार किया है। तथा निःसंदेह बहुत-से साझी निश्चय एक-दूसरे पर अत्याचार करते हैं। सिवाय उन लोगों के, जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए और ये लोग बहुत ही कम हैं। और दाऊद ने यक़ीन कर लिया कि हमने उसकी परीक्षा ली है। अतः उसने अपने पालनहार से क्षमा याचना की, तथा सजदे में गिर गया, और (अल्लाह की ओर) वापस लौटा।
तो हमने उसकी यह ग़लती क्षमा कर दी और निःसंदेह उसके लिए हमारे पास निश्चय बड़ी निकटता तथा अच्छा ठिकाना है।
ऐ दाऊद! हमने तुझे धरती में ख़लीफ़ा बनाया है। अतः लोगों के बीच सत्य के साथ निर्णय कर तथा इच्छा का अनुसरण न कर। अन्यथा, वह तुझे अल्लाह की राह से भटका देगी। निःसंदेह जो लोग अल्लाह की राह[8] से भटक जाते हैं, उनके लिए कठोर यातना है, इस कारण कि वे हिसाब के दिन को भूल गए।
तथा हमने आकाश और धरती को तथा उन दोनों के बीच की चीज़ों को व्यर्थ नहीं पैदा किया। यह तो उन लोगों का गुमान है, जिन्होंने कुफ़्र किया। तो जिन लोगों ने कुफ़्र किया, उनके लिए आग के रूप में बड़ा विनाश है।
क्या हम उन लोगों को जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, धरती में बिगाड़ पैदा करने वालों के समान कर देंगे? या क्या हम परहेज़गारों को दुराचारियों के समान[9] कर देंगे?
यह (क़ुरआन) एक पुस्तक है, हमने इसे आपकी ओर उतारा है, बहुत बरकत वाली है, ताकि वे इसकी आयतों पर विचार करें, और ताकि बुद्धि वाले लोग (इससे) उपदेश ग्रहण करें।
तथा हमने दाऊद को सुलैमान (नामक पुत्र) प्रदान किया। वह बहुत अच्छा बंदा था। निःसंदेह वह (अल्लाह की ओर) बहुत लौटने वाला था।
जब उसके समक्ष संध्या के समय असली तेज़गाम घोड़े प्रस्तुत किए गए।
तो उसने कहा : मैंने इस धन (घोड़ों) के प्रेम को अपने पालनहार की याद पर प्राथमिकता दी। यहाँ तक कि सूरज ग़ायब हो गया।
उन्हें मेरे पास वापस लाओ। फिर वह उनकी पिंडलियों तथा गर्दनों पर (तलवार) फेरने लगे।
तथा निःसंदेह हमने सुलैमान की परीक्षा ली[10] और उसके सिंहासन पर एक शरीर डाल दिया। फिर वह अल्लाह की ओर पलटा।
उसने कहा : ऐ मेरे पालनहार! मुझे क्षमा कर दे तथा मुझे ऐसा राज्य प्रदान कर, जो मेरे बाद किसी के लिए उचित न हो। निश्चय तू ही बड़ा दाता है।
तो हमने वायु को उसके लिए वशीभूत कर दिया, जो उसके आदेश से कोमलता से चलती थी, जहाँ वह जाना चाहता।
तथा शैतानों को, (भी वशीभूत कर दिया) जो हर प्रकार के कुशल निर्माता तथा माहिर ग़ोताख़ोर थे।
तथा कुछ दूसरों को भी (वशीभूत कर दिया), जो बेड़ियों में इकट्ठे जकड़े हुए थे।
(ऐ सुलैमान!) यह हमारा प्रदान है। अब उपकार करो अथवा रोक रखो, कोई हिसाब न होगा।
और निःसंदेह उसके लिए हमारे पास निश्चय बड़ी निकटता तथा अच्छा ठिकाना है।
तथा हमारे बंदे अय्यूब को याद करो। जब उसने अपने पालनहार को पुकारा कि निःसंदेह शैतान ने मुझे दुःख तथा कष्ट पहुँचाया[11] है।
अपना पाँव (धरती पर) मार। यह स्नान का तथा पीने का शीतल जल है।
और हमने उसे उसके घर वाले दे दिए तथा उनके साथ उतने और भी। हमारी ओर से दया के रूप में और बुद्धि वालों के लिए उपदेश के रूप में।
तथा अपने हाथ में तिनकों का एक मुट्ठा ले और उससे मार दे और अपनी क़सम न तोड़।[12] निःसंदेह हमने उसे धैर्य करने वाला पाया, अच्छा बंदा था। निश्चय वह अल्लाह की तरफ़ बहुत ज़्यादा लौटने वाला था।
तथा हमारे बंदों इबराहीम और इसहाक़ और याक़ूब को याद करो, जो हाथों (शक्ति) वाले और आँखों (अंतर्दृष्टि)[13] वाले थे।
हमने उन्हें एक खास विशेषता के साथ चुन लिया, जो असल घर (आख़िरत) की याद है।
और निःसंदेह वे हमारे निकट चुने हुए बेहतरीन लोगों में से थे।
तथा आप इसमाईल, अल-यसअ् एवं ज़ुल्-किफ़्ल को याद करें और ये सब बेहतरीन लोगों में से थे।
यह एक उपदेश है। तथा निश्चय ही डर रखने वालों के लिए अच्छा ठिकाना है।
सदैव रहने के बाग़, इस हाल में कि उनके लिए द्वार पूरे खोले हुए होंगे।
उनमें तकिए लगाए हुए होंगे। वे उनमें बहुत-से फल तथा पेय मँगवा रहे होंगे।।
तथा उनके पास निगाहें सीमित रखने वाली, एक-सी आयु वाली स्त्रियाँ होंगी।
यह है जिसका हिसाब के दिन के लिए तुमसे वादा किया जाता है।
निःसंदेह यह हमारी जीविका है, जो कभी समाप्त न होगी।
यह है (डरने वालो का बदला), और निःसंदेह सरकशों के लिए निश्चय बहुत बुरा ठिकाना है।
(वह) जहन्नम है, वे उसमें प्रवेश करेंगे। सो वह बहुत बुरा बिछौना है।
यह है (सज़ा), सो वे उसे चखें, खौलता पानी और पीप।
तथा इसी प्रकार की कुछ अन्य विभिन्न यातनाएँ।
यह[14] एक जत्था है, जो तुम्हारे साथ घुसता चला आने वाला है। उनका कोई स्वागत नहीं। निश्चय ये जहन्नम में प्रवेश करने वाले हैं।
वे उत्तर देंगे : बल्कि तुम हो, तुम्हारा कोई स्वागत नहीं। तुम ही इसे हमारे आगे लाए हो। सो यह बुरा ठिकाना है।
(फिर) वे कहेंगे : ऐ हमारे पालनहार! जो इसे हमारे आगे लाया है, तू उसे जहन्नम में दोगुनी यातना दे।
तथा वे कहेंगे : हमें क्या हुआ कि हम उन लोगों को नहीं देख रहे हैं, जिनकी गणना हम बुरे लोगों में किया करते थे?[15]
क्या हमने उन्हें मज़ाक़ बनाए रखा, या हमारी आँखें उनसे फिर गई हैं?
निःसंदेह यह जहन्नमियों का आपस में झगड़ना निश्चय सत्य है।
(ऐ नबी!) आप कह दें : मैं तो मात्र एक डराने वाला[16] हूँ, तथा अल्लाह के सिवा कोई (सच्चा) पूज्य नहीं, जो एक है, परम प्रभुत्वशाली है।
जो आकाशों का तथा धरती का पालनहार है और उन चीज़ों का जो उन दोनों के बीच है, सब पर प्रभुत्वशाली, अत्यंत क्षमाशील है।
आप कह दें कि वह[17] एक बहुत बड़ी सूचना है।
जिससे तुम मुँह फेरने वाले हो।
मुझे उच्च सभा (मलए आ'ला) का कभी कुछ ज्ञान नहीं, जब वे वाद-विवाद करते हैं।
मेरी ओर तो मात्र इसलिए वह़्य (प्रकाशना) की जाती है कि मैं खुला सचेत करने वाला हूँ।
जब आपके पालनहार ने फ़रिश्तों से कहा : निःसंदेह मैं मिट्टी से एक मनुष्य पैदा करने वाला हूँ।
तो जब मैं उसे पूरा बना चुकूँ और उसमें अपनी आत्मा फूँक दूँ, तो तुम उसके सामने सजदा करते हुए गिर जाओ।
तो सब के सब फ़रिश्तों ने सजदा किया।
सिवाय इबलीस के। उसने अभिमान किया और काफ़िरों में से हो गया।
(अल्लाह ने) कहा : ऐ इबलीस! तूझे किस चीज़ ने रोका कि तू उसके लिए सजदा करे जिसे मैंने अपने दोनों हाथों से बनाया? क्या तू बड़ा बन गया, या तू था ही ऊँचे लोगों में से?
उसने कहा : मैं उससे बेहतर हूँ। तूने मुझे आग से पैदा किया और उसे मिट्टी से पैदा किया।
(अल्लाह ने) कहा : फिर तू यहाँ से निकल जा। निःसंदेह तू धुत्कारा हुआ है।
और निःसंदेह तुझपर बदले (क़ियामत) के दिन तक मेरी धिक्कार है।
उस (इबलीस) ने कहा : ऐ मेरे पालनहार! फिर मुझे उस दिन तक के लिए अवसर दे, जिसमें लोग पुनः जीवित किए जाएँगे।
(अल्लाह ने) कहा : निःसंदेह तू मोहलत दिए गए लोगों में से है।
निर्धारित समय के दिन तक।
उसने कहा : तो तेरे गौरव की क़सम! मैं अवश्य उन सबको गुमराह कर दूँगा।
सिवाय उनमें से तेरे उन बंदों के, जो चुने हुए हैं।
(अल्लाह ने) कहा : तो सत्य यह है और मैं सत्य ही कहता हूँ।
कि मैं अवश्य ही जहन्नम को तुझसे तथा उन लोगों से भर दूँगा, जो उनमें से तेरा अनुसरण करेंगे।
(ऐ नबी!) आप कह दें कि मैं तुमसे इसपर कोई पारिश्रमिक नहीं माँगता और न मैं बनावट करने वालो में से हूँ।
यह तो केवल सर्व संसार के लिए एक उपदेश है।
तथा निश्चय तुम उसके समाचार को कुछ समय के बाद अवश्य जान लोगे।