The Noble Qur'an Encyclopedia
Towards providing reliable exegeses and translations of the meanings of the Noble Qur'an in the world languagesThe Star [An-Najm] - Hindi Translation
Surah The Star [An-Najm] Ayah 62 Location Maccah Number 53
क़सम है तारे की जब वह गिरे!
तुम्हारा साथी न तो रास्ते से भटका है और न ही गलत रास्ते पर चला है।
और न वह अपनी इच्छा से बोलता है।
वह तो केवल वह़्य है, जो उतारी जाती है।
उसे बहुत मज़ूबत शक्तियों वाले (फ़रिश्ते)[1] ने सिखाया है।
जो बड़ा बलशाली है। फिर वह बुलंद हुआ (अपने असली रूप में प्रकट हुआ)।
जबकि वह आकाश के सबसे ऊँचे क्षितिज (पूर्वी किनारे) पर था।
फिर वह निकट हुआ और उतर आया।
फिर वह दो धनुषों की दूरी पर था, या उससे भी निकट।
फिर उसने अल्लाह के बंदे[2] की ओर वह़्य की, जो भी वह़्य की।
दिल ने झूठ नहीं बोला, जो कुछ उसने देखा।
फिर क्या तुम उससे उसपर झगड़ते हो, जो वह देखता है?
हालाँकि, निश्चित रूप से उसने उसे एक और बार उतरते हुए भी देखा है।
सिदरतुल-मुनतहा'[3] के पास।
उसी के पास 'जन्नतुल मावा' (शाश्वत स्वर्ग) है।
जब सिदरा पर छा रहा था, जो कुछ छा रहा था।[4]
न निगाह इधर-उधर हुई और न सीमा से आगे बढ़ी।
निःसंदेह उसने अपने पालनहार की कुछ बहुत बड़ी निशानियाँ[5] देखीं।
फिर क्या तुमने लात और उज़्ज़ा को देखा।
तथा तीसरी एक और (मूर्ति) मनात को?[6]
क्या तुम्हारे लिए पुत्र हैं और उस (अल्लाह) के लिए पुत्रियाँ?
तब तो यह बड़ा अन्यायपूर्ण बँटवारा है।
ये (मूर्तियाँ) कुछ नामों के सिवा कुछ भी नहीं हैं, जो तुमने तथा तुम्हारे बाप-दादा ने रख लिए हैं। अल्लाह ने इनका कोई प्रमाण नहीं उतारा है। ये लोग केवल अटकल[7] के और उन चीज़ों के पीछे चल रहे हैं जो उनके दिल चाहते हैं। जबकि निःसंदेह उनके पास उनके पालनहार की ओर से मार्गदर्शन आ चुका है।
क्या मनुष्य को वह मिल जाएगा, जिसकी वह कामना करे?
(नहीं, ऐसा नहीं है) क्योंकि आख़िरत और दुनिया अल्लाह ही के अधिकार में है।
और आकाशों में कितने ही फ़रिश्ते हैं कि उनकी सिफ़ारिश कुछ लाभ नहीं देती, परंतु इसके पश्चात कि अल्लाह अनुमति दे जिसके लिए चाहे तथा (जिसे) पसंद करे।[8]
निःसंदेह वे लोग जो आख़िरत पर ईमान नहीं रखते, निश्चय वे फ़रिश्तों के नाम औरतों के नामों की तरह रखते हैं।
हालाँकि उन्हें इसके बारे में कोई ज्ञान नहीं। वे केवल अनुमान के पीछे चल रहे हैं। और निःसंदेह अनुमान सच्चाई की तुलना में किसी काम नहीं आता।
अतः आप उससे मुँह फेर लें, जिसने हमारी नसीहत से मुँह मोड़ लिया और जिसने दुनिया के जीवन के सिवा कुछ नहीं चाहा।
यही उनके ज्ञान की सीमा है। निश्चित रूप से आपका पालनहार ही उसे अधिक जानने वाला है, जो उसके मार्ग से भटक गया और वही उसे भी ज़्यादा जानने वाला है, जो सीधे मार्ग पर चला।
तथा जो कुछ आकाशों में है और जो कुछ धरती में है, सब अल्लाह ही का है, ताकि वह बुराई करने वालों को उनके किए का बदला दे, और भलाई करने वालों को अच्छा बदला दे।
वे लोग जो बड़े गुनाहों तथा अश्लील कार्यों[9] से दूर रहते हैं, सिवाय कुछ छोटे गुनाहों के। निःसंदेह आपका पालनहार बड़ा क्षमा करने वाला है। वह तुम्हें अधिक जानने वाला है जब उसने तुम्हें धरती[10] से पैदा किया और जब तुम अपनी माँओं के पेटों में बच्चे थे। अतः अपनी पवित्रता का दावा मत करो, वह उसे ज़्यादा जानने वाला है जो वास्तव में परहेज़गार है।
फिर क्या आपने उसे देखा जिसने मुँह फेर लिया?
और थोड़ा-सा दिया फिर रोक लिया।
क्या उसके पास परोक्ष का ज्ञान है? अतः वह देख रहा है।[11]
या उसे उन बातों की सूचना नहीं दी गई, जो मूसा के ग्रंथों में हैं?
और इबराहीम के (ग्रंथों में), जिसने (कर्तव्य) पूरा किया।
कि कोई बोझ उठाने वाला किसी दूसरे का बोझ नहीं उठाएगा।
और यह कि मनुष्य के लिए केवल वही है, जिसके लिए उसने प्रयास किया।
और यह कि निश्चय उसका प्रयास शीघ्र ही देखा जाएगा।
फिर उसे उसका पूरा प्रतिफल दिया जाएगा।
और यह कि निःसंदेह आपके पालनहार ही की ओर अंततः पहुँचना है।
तथा यह कि निःसंदह वही है, जिसने हँसाया तथा रुलाया।
तथा यह कि निःसंदेह वही है, जिसने मृत्यु दी और जीवन दिया।
और यह कि निःसंदेह उसी ने दो प्रकार : नर और मादा पैदा किए।
एक बूँद से, जब वह टपकाई जाती है।
और यह कि निःसंदेह उसी के ज़िम्मे दूसरी बार[12] पैदा करना है।
और यह कि निःसंदेह उसी ने धनी बनाया और कोष प्रदान किया।
और यह कि निःसंदेह वही ''शे'रा'' [13] का रब है।
और यह कि निःसंदेह उसी ने प्रथम 'आद' [14] को विनष्ट किया।
तथा समूद को, फिर (किसी को) बाक़ी न छोड़ा।
तथा इनसे पहले नूह़ की जाति को। निःसंदेह वे बहुत ही ज़ालिम और बड़े ही सरकश थे।
और उलट जाने वाली बस्ती[15] को उसने उठाकर धरती पर दे मारा।
तो ढाँप दिया[16] उसे जिस चीज़ से ढाँपा।
तो (ऐ इनसान!) तू अपने पालनहार की ने'मतों में से किस-किस में संदेह करेगा?
यह[17] पहले डराने वालों में से एक डराने वाला है।
निकट आने वाली निकट आ गई।
जिसे अल्लाह के सिवा कोई हटाने वाला नहीं।
तो क्या तुम इस बात पर आश्चर्य करते हो?
तथा हँसते हो और रोते नहीं हो?
तथा तुम ग़ाफ़िल हो!
अतः अल्लाह को सजदा करो और उसी की इबादत[18] करो।