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Surah Alms Giving [Al-Maun] in Hindi

Surah Alms Giving [Al-Maun] Ayah 7 Location Maccah Number 107

أَرَءَيْتَ ٱلَّذِى يُكَذِّبُ بِٱلدِّينِ ﴿١﴾

क्या तुमने उस शख़्श को भी देखा है जो रोज़ जज़ा को झुठलाता है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

क्या तुमने उसे देखा जो दीन को झुठलाता है?

فَذَٰلِكَ ٱلَّذِى يَدُعُّ ٱلْيَتِيمَ ﴿٢﴾

ये तो वही (कम्बख्त) है जो यतीम को धक्के देता है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

वही तो है जो अनाथ को धक्के देता है,

وَلَا يَحُضُّ عَلَىٰ طَعَامِ ٱلْمِسْكِينِ ﴿٣﴾

और मोहताजों को खिलाने के लिए (लोगों को) आमादा नहीं करता

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और मुहताज के खिलाने पर नहीं उकसाता

فَوَيْلٌۭ لِّلْمُصَلِّينَ ﴿٤﴾

तो उन नमाज़ियों की तबाही है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

अतः तबाही है उन नमाज़ियों के लिए,

ٱلَّذِينَ هُمْ عَن صَلَاتِهِمْ سَاهُونَ ﴿٥﴾

जो अपनी नमाज़ से ग़ाफिल रहते हैं

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

जो अपनी नमाज़ से ग़ाफिल (असावधान) हैं,

ٱلَّذِينَ هُمْ يُرَآءُونَ ﴿٦﴾

जो दिखाने के वास्ते करते हैं

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

जो दिखावे के लिए कार्य करते हैं,

وَيَمْنَعُونَ ٱلْمَاعُونَ ﴿٧﴾

और रोज़मर्रा की मालूली चीज़ें भी आरियत नहीं देते

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और साधारण बरतने की चीज़ भी किसी को नहीं देते