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Surah The Overwhelming [Al-Ghashiya] in Hindi

Surah The Overwhelming [Al-Ghashiya] Ayah 26 Location Maccah Number 88

هَلْ أَتَىٰكَ حَدِيثُ ٱلْغَٰشِيَةِ ﴿١﴾

भला तुमको ढाँप लेने वाली मुसीबत (क़यामत) का हाल मालुम हुआ है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

क्या तुम्हें उस छा जानेवाली की ख़बर पहुँची है?

وُجُوهٌۭ يَوْمَئِذٍ خَٰشِعَةٌ ﴿٢﴾

उस दिन बहुत से चेहरे ज़लील रूसवा होंगे

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

उस दिन कितने ही चेहरे गिरे हुए होंगे,

عَامِلَةٌۭ نَّاصِبَةٌۭ ﴿٣﴾

(तौक़ व जंज़ीर से) मयक्क़त करने वाले

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

कठिन परिश्रम में पड़े, थके-हारे

تَصْلَىٰ نَارًا حَامِيَةًۭ ﴿٤﴾

थके माँदे दहकती हुई आग में दाखिल होंगे

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

दहकती आग में प्रवेश करेंगे

تُسْقَىٰ مِنْ عَيْنٍ ءَانِيَةٍۢ ﴿٥﴾

उन्हें एक खौलते हुए चशमें का पानी पिलाया जाएगा

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

खौलते हुए स्रोत से पिएँगे,

لَّيْسَ لَهُمْ طَعَامٌ إِلَّا مِن ضَرِيعٍۢ ﴿٦﴾

ख़ारदार झाड़ी के सिवा उनके लिए कोई खाना नहीं

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

उनके लिए कोई खाना न होगा सिवाय एक प्रकार के ज़री के,

لَّا يُسْمِنُ وَلَا يُغْنِى مِن جُوعٍۢ ﴿٧﴾

जो मोटाई पैदा करे न भूख में कुछ काम आएगा

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

जो न पुष्ट करे और न भूख मिटाए

وُجُوهٌۭ يَوْمَئِذٍۢ نَّاعِمَةٌۭ ﴿٨﴾

(और) बहुत से चेहरे उस दिन तरो ताज़ा होंगे

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

उस दिन कितने ही चेहरे प्रफुल्लित और सौम्य होंगे,

لِّسَعْيِهَا رَاضِيَةٌۭ ﴿٩﴾

अपनी कोशिश (के नतीजे) पर शादमान

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

अपने प्रयास पर प्रसन्न,

فِى جَنَّةٍ عَالِيَةٍۢ ﴿١٠﴾

एक आलीशान बाग़ में

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

उच्च जन्नत में,

لَّا تَسْمَعُ فِيهَا لَٰغِيَةًۭ ﴿١١﴾

वहाँ कोई लग़ो बात सुनेंगे ही नहीं

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

जिसमें कोई व्यर्थ बात न सुनेंगे

فِيهَا عَيْنٌۭ جَارِيَةٌۭ ﴿١٢﴾

उसमें चश्में जारी होंगें

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

उसमें स्रोत प्रवाहित होगा,

فِيهَا سُرُرٌۭ مَّرْفُوعَةٌۭ ﴿١٣﴾

उसमें ऊँचे ऊँचे तख्त बिछे होंगे

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

उसमें ऊँची-ऊँची मसनदें होगी,

وَأَكْوَابٌۭ مَّوْضُوعَةٌۭ ﴿١٤﴾

और (उनके किनारे) गिलास रखे होंगे

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

प्याले ढंग से रखे होंगे,

وَنَمَارِقُ مَصْفُوفَةٌۭ ﴿١٥﴾

और गाँव तकिए क़तार की क़तार लगे होंगे

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

क्रम से गाव तकिए लगे होंगे,

وَزَرَابِىُّ مَبْثُوثَةٌ ﴿١٦﴾

और नफ़ीस मसनदे बिछी हुई

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और हर ओर क़ालीने बिछी होंगी

أَفَلَا يَنظُرُونَ إِلَى ٱلْإِبِلِ كَيْفَ خُلِقَتْ ﴿١٧﴾

तो क्या ये लोग ऊँट की तरह ग़ौर नहीं करते कि कैसा अजीब पैदा किया गया है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

फिर क्या वे ऊँट की ओर नहीं देखते कि कैसा बनाया गया?

وَإِلَى ٱلسَّمَآءِ كَيْفَ رُفِعَتْ ﴿١٨﴾

और आसमान की तरफ कि क्या बुलन्द बनाया गया है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और आकाश की ओर कि कैसा ऊँचा किया गया?

وَإِلَى ٱلْجِبَالِ كَيْفَ نُصِبَتْ ﴿١٩﴾

और पहाड़ों की तरफ़ कि किस तरह खड़े किए गए हैं

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और पहाड़ो की ओर कि कैसे खड़े किए गए?

وَإِلَى ٱلْأَرْضِ كَيْفَ سُطِحَتْ ﴿٢٠﴾

और ज़मीन की तरफ कि किस तरह बिछायी गयी है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और धरती की ओर कि कैसी बिछाई गई?

فَذَكِّرْ إِنَّمَآ أَنتَ مُذَكِّرٌۭ ﴿٢١﴾

तो तुम नसीहत करते रहो तुम तो बस नसीहत करने वाले हो

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

अच्छा तो नसीहत करो! तुम तो बस एक नसीहत करनेवाले हो

لَّسْتَ عَلَيْهِم بِمُصَيْطِرٍ ﴿٢٢﴾

तुम कुछ उन पर दरोग़ा तो हो नहीं

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

तुम उनपर कोई दरोग़ा नही हो

إِلَّا مَن تَوَلَّىٰ وَكَفَرَ ﴿٢٣﴾

हाँ जिसने मुँह फेर लिया

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

किन्तु जिस किसी ने मुँह फेरा और इनकार किया,

فَيُعَذِّبُهُ ٱللَّهُ ٱلْعَذَابَ ٱلْأَكْبَرَ ﴿٢٤﴾

और न माना तो ख़ुदा उसको बहुत बड़े अज़ाब की सज़ा देगा

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

तो अल्लाह उसे बड़ी यातना देगा

إِنَّ إِلَيْنَآ إِيَابَهُمْ ﴿٢٥﴾

बेशक उनको हमारी तरफ़ लौट कर आना है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

निस्संदेह हमारी ओर ही है उनका लौटना,

ثُمَّ إِنَّ عَلَيْنَا حِسَابَهُم ﴿٢٦﴾

फिर उनका हिसाब हमारे ज़िम्मे है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

फिर हमारे ही ज़िम्मे है उनका हिसाब लेना