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Surah The night [Al-Lail] in Hindi

Surah The night [Al-Lail] Ayah 21 Location Maccah Number 92

وَٱلَّيْلِ إِذَا يَغْشَىٰ ﴿١﴾

रात की क़सम जब (सूरज को) छिपा ले

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

साक्षी है रात जबकि वह छा जाए,

وَٱلنَّهَارِ إِذَا تَجَلَّىٰ ﴿٢﴾

और दिन की क़सम जब ख़ूब रौशन हो

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और दिन जबकि वह प्रकाशमान हो,

وَمَا خَلَقَ ٱلذَّكَرَ وَٱلْأُنثَىٰٓ ﴿٣﴾

और उस (ज़ात) की जिसने नर व मादा को पैदा किया

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और नर और मादा का पैदा करना,

إِنَّ سَعْيَكُمْ لَشَتَّىٰ ﴿٤﴾

कि बेशक तुम्हारी कोशिश तरह तरह की है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

कि तुम्हारा प्रयास भिन्न-भिन्न है

فَأَمَّا مَنْ أَعْطَىٰ وَٱتَّقَىٰ ﴿٥﴾

तो जिसने सख़ावत की और अच्छी बात (इस्लाम) की तस्दीक़ की

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

तो जिस किसी ने दिया और डर रखा,

وَصَدَّقَ بِٱلْحُسْنَىٰ ﴿٦﴾

तो हम उसके लिए राहत व आसानी

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और अच्छी चीज़ की पुष्टि की,

فَسَنُيَسِّرُهُۥ لِلْيُسْرَىٰ ﴿٧﴾

(जन्नत) के असबाब मुहय्या कर देंगे

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

हम उस सहज ढंग से उस चीज का पात्र बना देंगे, जो सहज और मृदुल (सुख-साध्य) है

وَأَمَّا مَنۢ بَخِلَ وَٱسْتَغْنَىٰ ﴿٨﴾

और जिसने बुख्ल किया, और बेपरवाई की

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

रहा वह व्यक्ति जिसने कंजूसी की और बेपरवाही बरती,

وَكَذَّبَ بِٱلْحُسْنَىٰ ﴿٩﴾

और अच्छी बात को झुठलाया

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और अच्छी चीज़ को झुठला दिया,

فَسَنُيَسِّرُهُۥ لِلْعُسْرَىٰ ﴿١٠﴾

तो हम उसे सख्ती (जहन्नुम) में पहुँचा देंगे,

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

हम उसे सहज ढंग से उस चीज़ का पात्र बना देंगे, जो कठिन चीज़ (कष्ट-साध्य) है

وَمَا يُغْنِى عَنْهُ مَالُهُۥٓ إِذَا تَرَدَّىٰٓ ﴿١١﴾

और जब वह हलाक होगा तो उसका माल उसके कुछ भी काम न आएगा

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और उसका माल उसके कुछ काम न आएगा, जब वह (सिर के बल) खड्ड में गिरेगा

إِنَّ عَلَيْنَا لَلْهُدَىٰ ﴿١٢﴾

हमें राह दिखा देना ज़रूर है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

निस्संदेह हमारे ज़िम्मे है मार्ग दिखाना

وَإِنَّ لَنَا لَلْءَاخِرَةَ وَٱلْأُولَىٰ ﴿١٣﴾

और आख़ेरत और दुनिया (दोनों) ख़ास हमारी चीज़े हैं

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और वास्तव में हमारे अधिकार में है आख़िरत और दुनिया भी

فَأَنذَرْتُكُمْ نَارًۭا تَلَظَّىٰ ﴿١٤﴾

तो हमने तुम्हें भड़कती हुई आग से डरा दिया

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

अतः मैंने तुम्हें दहकती आग से सावधान कर दिया

لَا يَصْلَىٰهَآ إِلَّا ٱلْأَشْقَى ﴿١٥﴾

उसमें बस वही दाख़िल होगा जो बड़ा बदबख्त है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

इसमें बस वही पड़ेगा जो बड़ा ही अभागा होगा,

ٱلَّذِى كَذَّبَ وَتَوَلَّىٰ ﴿١٦﴾

जिसने झुठलाया और मुँह फेर लिया और जो बड़ा परहेज़गार है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

जिसने झुठलाया और मुँह फेरा

وَسَيُجَنَّبُهَا ٱلْأَتْقَى ﴿١٧﴾

वह उससे बचा लिया जाएगा

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और उससे बच जाएगा वह अत्यन्त परहेज़गार व्यक्ति,

ٱلَّذِى يُؤْتِى مَالَهُۥ يَتَزَكَّىٰ ﴿١٨﴾

जो अपना माल (ख़ुदा की राह) में देता है ताकि पाक हो जाए

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

जो अपना माल देकर अपने आपको निखारता है

وَمَا لِأَحَدٍ عِندَهُۥ مِن نِّعْمَةٍۢ تُجْزَىٰٓ ﴿١٩﴾

और लुत्फ ये है कि किसी का उस पर कोई एहसान नहीं जिसका उसे बदला दिया जाता है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और हाल यह है कि किसी का उसपर उपकार नहीं कि उसका बदला दिया जा रहा हो,

إِلَّا ٱبْتِغَآءَ وَجْهِ رَبِّهِ ٱلْأَعْلَىٰ ﴿٢٠﴾

बल्कि (वह तो) सिर्फ अपने आलीशान परवरदिगार की ख़ुशनूदी हासिल करने के लिए (देता है)

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

बल्कि इससे अभीष्ट केवल उसके अपने उच्च रब के मुख (प्रसन्नता) की चाह है

وَلَسَوْفَ يَرْضَىٰ ﴿٢١﴾

और वह अनक़रीब भी ख़ुश हो जाएगा

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और वह शीघ्र ही राज़ी हो जाएगा