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Surah The morning hours [Ad-Dhuha] in Hindi

Surah The morning hours [Ad-Dhuha] Ayah 11 Location Maccah Number 93

وَٱلضُّحَىٰ ﴿١﴾

(ऐ रसूल) पहर दिन चढ़े की क़सम

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

साक्षी है चढ़ता दिन,

وَٱلَّيْلِ إِذَا سَجَىٰ ﴿٢﴾

और रात की जब (चीज़ों को) छुपा ले

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और रात जबकि उसका सन्नाटा छा जाए

مَا وَدَّعَكَ رَبُّكَ وَمَا قَلَىٰ ﴿٣﴾

कि तुम्हारा परवरदिगार न तुमको छोड़ बैठा और (न तुमसे) नाराज़ हुआ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

तुम्हारे रब ने तुम्हें न तो विदा किया और न वह बेज़ार (अप्रसन्न) हुआ

وَلَلْءَاخِرَةُ خَيْرٌۭ لَّكَ مِنَ ٱلْأُولَىٰ ﴿٤﴾

और तुम्हारे वास्ते आख़ेरत दुनिया से यक़ीनी कहीं बेहतर है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और निश्चय ही बाद में आनेवाली (अवधि) तुम्हारे लिए पहलेवाली से उत्तम है

وَلَسَوْفَ يُعْطِيكَ رَبُّكَ فَتَرْضَىٰٓ ﴿٥﴾

और तुम्हारा परवरदिगार अनक़रीब इस क़दर अता करेगा कि तुम ख़ुश हो जाओ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और शीघ्र ही तुम्हारा रब तुम्हें प्रदान करेगा कि तुम प्रसन्न हो जाओगे

أَلَمْ يَجِدْكَ يَتِيمًۭا فَـَٔاوَىٰ ﴿٦﴾

क्या उसने तुम्हें यतीम पाकर (अबू तालिब की) पनाह न दी (ज़रूर दी)

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

क्या ऐसा नहीं कि उसने तुम्हें अनाथ पाया तो ठिकाना दिया?

وَوَجَدَكَ ضَآلًّۭا فَهَدَىٰ ﴿٧﴾

और तुमको एहकाम से नावाकिफ़ देखा तो मंज़िले मक़सूद तक पहुँचा दिया

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और तुम्हें मार्ग से अपरिचित पाया तो मार्ग दिखाया?

وَوَجَدَكَ عَآئِلًۭا فَأَغْنَىٰ ﴿٨﴾

और तुमको तंगदस्त देखकर ग़नी कर दिया

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और तुम्हें निर्धन पाया तो समृद्ध कर दिया?

فَأَمَّا ٱلْيَتِيمَ فَلَا تَقْهَرْ ﴿٩﴾

तो तुम भी यतीम पर सितम न करना

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

अतः जो अनाथ हो उसे मत दबाना,

وَأَمَّا ٱلسَّآئِلَ فَلَا تَنْهَرْ ﴿١٠﴾

माँगने वाले को झिड़की न देना

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और जो माँगता हो उसे न झिझकना,

وَأَمَّا بِنِعْمَةِ رَبِّكَ فَحَدِّثْ ﴿١١﴾

और अपने परवरदिगार की नेअमतों का ज़िक्र करते रहना

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और जो तुम्हें रब की अनुकम्पा है, उसे बयान करते रहो