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Surah The Clot [Al-Alaq] in Hindi

Surah The Clot [Al-Alaq] Ayah 19 Location Maccah Number 96

ٱقْرَأْ بِٱسْمِ رَبِّكَ ٱلَّذِى خَلَقَ ﴿١﴾

(ऐ रसूल) अपने परवरदिगार का नाम लेकर पढ़ो जिसने हर (चीज़ को) पैदा किया

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

पढ़ो, अपने रब के नाम के साथ जिसने पैदा किया,

خَلَقَ ٱلْإِنسَٰنَ مِنْ عَلَقٍ ﴿٢﴾

उस ने इन्सान को जमे हुए ख़ून से पैदा किया पढ़ो

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

पैदा किया मनुष्य को जमे हुए ख़ून के एक लोथड़े से

ٱقْرَأْ وَرَبُّكَ ٱلْأَكْرَمُ ﴿٣﴾

और तुम्हारा परवरदिगार बड़ा क़रीम है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

पढ़ो, हाल यह है कि तुम्हारा रब बड़ा ही उदार है,

ٱلَّذِى عَلَّمَ بِٱلْقَلَمِ ﴿٤﴾

जिसने क़लम के ज़रिए तालीम दी

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

जिसने क़लम के द्वारा शिक्षा दी,

عَلَّمَ ٱلْإِنسَٰنَ مَا لَمْ يَعْلَمْ ﴿٥﴾

उसीने इन्सान को वह बातें बतायीं जिनको वह कुछ जानता ही न था

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

मनुष्य को वह ज्ञान प्रदान किया जिस वह न जानता था

كَلَّآ إِنَّ ٱلْإِنسَٰنَ لَيَطْغَىٰٓ ﴿٦﴾

सुन रखो बेशक इन्सान जो अपने को ग़नी देखता है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

कदापि नहीं, मनुष्य सरकशी करता है,

أَن رَّءَاهُ ٱسْتَغْنَىٰٓ ﴿٧﴾

तो सरकश हो जाता है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

इसलिए कि वह अपने आपको आत्मनिर्भर देखता है

إِنَّ إِلَىٰ رَبِّكَ ٱلرُّجْعَىٰٓ ﴿٨﴾

बेशक तुम्हारे परवरदिगार की तरफ (सबको) पलटना है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

निश्चय ही तुम्हारे रब ही की ओर पलटना है

أَرَءَيْتَ ٱلَّذِى يَنْهَىٰ ﴿٩﴾

भला तुमने उस शख़्श को भी देखा

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

क्या तुमने देखा उस व्यक्ति को

عَبْدًا إِذَا صَلَّىٰٓ ﴿١٠﴾

जो एक बन्दे को जब वह नमाज़ पढ़ता है तो वह रोकता है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

जो एक बन्दे को रोकता है, जब वह नमाज़ अदा करता है? -

أَرَءَيْتَ إِن كَانَ عَلَى ٱلْهُدَىٰٓ ﴿١١﴾

भला देखो तो कि अगर ये राहे रास्त पर हो या परहेज़गारी का हुक्म करे

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

तुम्हारा क्या विचार है? यदि वह सीधे मार्ग पर हो,

أَوْ أَمَرَ بِٱلتَّقْوَىٰٓ ﴿١٢﴾

(तो रोकना कैसा)

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

या परहेज़गारी का हुक्म दे (उसके अच्छा होने में क्या संदेह है)

أَرَءَيْتَ إِن كَذَّبَ وَتَوَلَّىٰٓ ﴿١٣﴾

भला देखो तो कि अगर उसने (सच्चे को) झुठला दिया और (उसने) मुँह फेरा

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

तुम्हारा क्या विचार है? यदि उस (रोकनेवाले) ने झुठलाया और मुँह मोड़ा (तो उसके बुरा होने में क्या संदेह है) -

أَلَمْ يَعْلَم بِأَنَّ ٱللَّهَ يَرَىٰ ﴿١٤﴾

(तो नतीजा क्या होगा) क्या उसको ये मालूम नहीं कि ख़ुदा यक़ीनन देख रहा है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

क्या उसने नहीं जाना कि अल्लाह देख रहा है?

كَلَّا لَئِن لَّمْ يَنتَهِ لَنَسْفَعًۢا بِٱلنَّاصِيَةِ ﴿١٥﴾

देखो अगर वह बाज़ न आएगा तो हम परेशानी के पट्टे पकड़ के घसीटेंगे

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

कदापि नहीं, यदि वह बाज़ न आया तो हम चोटी पकड़कर घसीटेंगे,

نَاصِيَةٍۢ كَٰذِبَةٍ خَاطِئَةٍۢ ﴿١٦﴾

झूठे ख़तावार की पेशानी के पट्टे

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

झूठी, ख़ताकार चोटी

فَلْيَدْعُ نَادِيَهُۥ ﴿١٧﴾

तो वह अपने याराने जलसा को बुलाए हम भी जल्लाद फ़रिश्ते को बुलाएँगे

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

अब बुला ले वह अपनी मजलिस को!

سَنَدْعُ ٱلزَّبَانِيَةَ ﴿١٨﴾

(ऐ रसूल) देखो हरगिज़ उनका कहना न मानना

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

हम भी बुलाए लेते है सिपाहियों को

كَلَّا لَا تُطِعْهُ وَٱسْجُدْ وَٱقْتَرِب ۩ ﴿١٩﴾

और सजदे करते रहो और कुर्ब हासिल करो (19) (सजदा)

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

कदापि नहीं, उसकी बात न मानो और सजदे करते और क़रीब होते रहो