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Surah The Power [Al-Qadr] in Hindi

Surah The Power [Al-Qadr] Ayah 5 Location Maccah Number 97

بِّسْمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحْمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ إِنَّآ أَنزَلْنَٰهُ فِى لَيْلَةِ ٱلْقَدْرِ ﴿١﴾

हमने (इस कुरान) को शबे क़द्र में नाज़िल (करना शुरू) किया

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

हमने इसे क़द्र की रात में अवतरित किया

وَمَآ أَدْرَىٰكَ مَا لَيْلَةُ ٱلْقَدْرِ ﴿٢﴾

और तुमको क्या मालूम शबे क़द्र क्या है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और तुम्हें क्या मालूम कि क़द्र की रात क्या है?

لَيْلَةُ ٱلْقَدْرِ خَيْرٌۭ مِّنْ أَلْفِ شَهْرٍۢ ﴿٣﴾

शबे क़द्र (मरतबा और अमल में) हज़ार महीनो से बेहतर है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

क़द्र की रात उत्तम है हज़ार महीनों से,

تَنَزَّلُ ٱلْمَلَٰٓئِكَةُ وَٱلرُّوحُ فِيهَا بِإِذْنِ رَبِّهِم مِّن كُلِّ أَمْرٍۢ ﴿٤﴾

इस (रात) में फ़रिश्ते और जिबरील (साल भर की) हर बात का हुक्म लेकर अपने परवरदिगार के हुक्म से नाज़िल होते हैं

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

उसमें फ़रिश्तें और रूह हर महत्वपूर्ण मामलें में अपने रब की अनुमति से उतरते है

سَلَٰمٌ هِىَ حَتَّىٰ مَطْلَعِ ٱلْفَجْرِ ﴿٥﴾

ये रात सुबह के तुलूअ होने तक (अज़सरतापा) सलामती है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

वह रात पूर्णतः शान्ति और सलामती है, उषाकाल के उदय होने तक