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Surah The morning star [At-Tariq] in Hindi

Surah The morning star [At-Tariq] Ayah 17 Location Maccah Number 86

وَٱلسَّمَآءِ وَٱلطَّارِقِ ﴿١﴾

साक्षी है आकाश, और रात में प्रकट होनेवाला -

وَمَآ أَدْرَىٰكَ مَا ٱلطَّارِقُ ﴿٢﴾

और तुम क्या जानो कि रात में प्रकट होनेवाला क्या है?

ٱلنَّجْمُ ٱلثَّاقِبُ ﴿٣﴾

दमकता हुआ तारा! -

إِن كُلُّ نَفْسٍۢ لَّمَّا عَلَيْهَا حَافِظٌۭ ﴿٤﴾

कि हर एक व्यक्ति पर एक निगरानी करनेवाला नियुक्त है

فَلْيَنظُرِ ٱلْإِنسَٰنُ مِمَّ خُلِقَ ﴿٥﴾

अतः मनुष्य को चाहिए कि देखे कि वह किस चीज़ से पैदा किया गया है

خُلِقَ مِن مَّآءٍۢ دَافِقٍۢ ﴿٦﴾

एक उछलते पानी से पैदा किया गया है,

يَخْرُجُ مِنۢ بَيْنِ ٱلصُّلْبِ وَٱلتَّرَآئِبِ ﴿٧﴾

जो पीठ और पसलियों के मध्य से निकलता है

إِنَّهُۥ عَلَىٰ رَجْعِهِۦ لَقَادِرٌۭ ﴿٨﴾

निश्चय ही वह उसके लौटा देने की सामर्थ्य रखता है

يَوْمَ تُبْلَى ٱلسَّرَآئِرُ ﴿٩﴾

जिस दिन छिपी चीज़ें परखी जाएँगी,

فَمَا لَهُۥ مِن قُوَّةٍۢ وَلَا نَاصِرٍۢ ﴿١٠﴾

तो उस समय उसके पास न तो अपनी कोई शक्ति होगी और न कोई सहायक

وَٱلسَّمَآءِ ذَاتِ ٱلرَّجْعِ ﴿١١﴾

साक्षी है आवर्तन (उलट-फेर) वाला आकाश,

وَٱلْأَرْضِ ذَاتِ ٱلصَّدْعِ ﴿١٢﴾

और फट जानेवाली धरती

إِنَّهُۥ لَقَوْلٌۭ فَصْلٌۭ ﴿١٣﴾

वह दो-टूक बात है,

وَمَا هُوَ بِٱلْهَزْلِ ﴿١٤﴾

वह कोई हँसी-मज़ाक नही है

إِنَّهُمْ يَكِيدُونَ كَيْدًۭا ﴿١٥﴾

वे एक चाल चल रहे है,

وَأَكِيدُ كَيْدًۭا ﴿١٦﴾

और मैं भी एक चाल चल रहा हूँ

فَمَهِّلِ ٱلْكَٰفِرِينَ أَمْهِلْهُمْ رُوَيْدًۢا ﴿١٧﴾

अत मुहलत दे दो उन इनकार करनेवालों को; मुहलत दे दो उन्हें थोड़ी-सी