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Surah The morning star [At-Tariq] in Hindi

Surah The morning star [At-Tariq] Ayah 17 Location Maccah Number 86

وَٱلسَّمَآءِ وَٱلطَّارِقِ ﴿١﴾

आसमान और रात को आने वाले की क़सम

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

साक्षी है आकाश, और रात में प्रकट होनेवाला -

وَمَآ أَدْرَىٰكَ مَا ٱلطَّارِقُ ﴿٢﴾

और तुमको क्या मालूम रात को आने वाला क्या है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और तुम क्या जानो कि रात में प्रकट होनेवाला क्या है?

ٱلنَّجْمُ ٱلثَّاقِبُ ﴿٣﴾

(वह) चमकता हुआ तारा है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

दमकता हुआ तारा! -

إِن كُلُّ نَفْسٍۢ لَّمَّا عَلَيْهَا حَافِظٌۭ ﴿٤﴾

(इस बात की क़सम) कि कोई शख़्श ऐसा नहीं जिस पर निगेहबान मुक़र्रर नहीं

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

कि हर एक व्यक्ति पर एक निगरानी करनेवाला नियुक्त है

فَلْيَنظُرِ ٱلْإِنسَٰنُ مِمَّ خُلِقَ ﴿٥﴾

तो इन्सान को देखना चाहिए कि वह किस चीज़ से पैदा हुआ हैं

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

अतः मनुष्य को चाहिए कि देखे कि वह किस चीज़ से पैदा किया गया है

خُلِقَ مِن مَّآءٍۢ دَافِقٍۢ ﴿٦﴾

वह उछलते हुए पानी (मनी) से पैदा हुआ है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

एक उछलते पानी से पैदा किया गया है,

يَخْرُجُ مِنۢ بَيْنِ ٱلصُّلْبِ وَٱلتَّرَآئِبِ ﴿٧﴾

जो पीठ और सीने की हड्डियों के बीच में से निकलता है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

जो पीठ और पसलियों के मध्य से निकलता है

إِنَّهُۥ عَلَىٰ رَجْعِهِۦ لَقَادِرٌۭ ﴿٨﴾

बेशक ख़ुदा उसके दोबारा (पैदा) करने पर ज़रूर कुदरत रखता है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

निश्चय ही वह उसके लौटा देने की सामर्थ्य रखता है

يَوْمَ تُبْلَى ٱلسَّرَآئِرُ ﴿٩﴾

जिस दिन दिलों के भेद जाँचे जाएँगे

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

जिस दिन छिपी चीज़ें परखी जाएँगी,

فَمَا لَهُۥ مِن قُوَّةٍۢ وَلَا نَاصِرٍۢ ﴿١٠﴾

तो (उस दिन) उसका न कुछ ज़ोर चलेगा और न कोई मददगार होगा

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

तो उस समय उसके पास न तो अपनी कोई शक्ति होगी और न कोई सहायक

وَٱلسَّمَآءِ ذَاتِ ٱلرَّجْعِ ﴿١١﴾

चक्कर (खाने) वाले आसमान की क़सम

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

साक्षी है आवर्तन (उलट-फेर) वाला आकाश,

وَٱلْأَرْضِ ذَاتِ ٱلصَّدْعِ ﴿١٢﴾

और फटने वाली (ज़मीन की क़सम)

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और फट जानेवाली धरती

إِنَّهُۥ لَقَوْلٌۭ فَصْلٌۭ ﴿١٣﴾

बेशक ये क़ुरान क़ौले फ़ैसल है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

वह दो-टूक बात है,

وَمَا هُوَ بِٱلْهَزْلِ ﴿١٤﴾

और लग़ो नहीं है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

वह कोई हँसी-मज़ाक नही है

إِنَّهُمْ يَكِيدُونَ كَيْدًۭا ﴿١٥﴾

बेशक ये कुफ्फ़ार अपनी तदबीर कर रहे हैं

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

वे एक चाल चल रहे है,

وَأَكِيدُ كَيْدًۭا ﴿١٦﴾

और मैं अपनी तद्बीर कर रहा हूँ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और मैं भी एक चाल चल रहा हूँ

فَمَهِّلِ ٱلْكَٰفِرِينَ أَمْهِلْهُمْ رُوَيْدًۢا ﴿١٧﴾

तो काफ़िरों को मोहलत दो बस उनको थोड़ी सी मोहलत दो

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

अत मुहलत दे दो उन इनकार करनेवालों को; मुहलत दे दो उन्हें थोड़ी-सी