Settings
Surah The Chargers [Al-Adiyat] in Hindi
وَٱلْعَٰدِيَٰتِ ضَبْحًۭا ﴿1﴾
(ग़ाज़ियों के) सरपट दौड़ने वाले घोड़ो की क़सम
साक्षी है जो हाँफते-फुँकार मारते हुए दौड़ते है,
فَٱلْمُورِيَٰتِ قَدْحًۭا ﴿2﴾
जो नथनों से फ़रराटे लेते हैं
फिर ठोकरों से चिनगारियाँ निकालते है,
فَٱلْمُغِيرَٰتِ صُبْحًۭا ﴿3﴾
फिर पत्थर पर टाप मारकर चिंगारियाँ निकालते हैं फिर सुबह को छापा मारते हैं
फिर सुबह सवेरे धावा मारते होते है,
فَأَثَرْنَ بِهِۦ نَقْعًۭا ﴿4﴾
(तो दौड़ धूप से) बुलन्द कर देते हैं
उसमें उठाया उन्होंने गर्द-गुबार
فَوَسَطْنَ بِهِۦ جَمْعًا ﴿5﴾
फिर उस वक्त (दुश्मन के) दिल में घुस जाते हैं
और इसी हाल में वे दल में जा घुसे
إِنَّ ٱلْإِنسَٰنَ لِرَبِّهِۦ لَكَنُودٌۭ ﴿6﴾
(ग़रज़ क़सम है) कि बेशक इन्सान अपने परवरदिगार का नाशुक्रा है
निस्संदेह मनुष्य अपने रब का बड़ा अकृतज्ञ हैं,
وَإِنَّهُۥ عَلَىٰ ذَٰلِكَ لَشَهِيدٌۭ ﴿7﴾
और यक़ीनी ख़ुदा भी उससे वाक़िफ़ है
और निश्चय ही वह स्वयं इसपर गवाह है!
وَإِنَّهُۥ لِحُبِّ ٱلْخَيْرِ لَشَدِيدٌ ﴿8﴾
और बेशक वह माल का सख्त हरीस है
और निश्चय ही वह धन के मोह में बड़ा दृढ़ है
۞ أَفَلَا يَعْلَمُ إِذَا بُعْثِرَ مَا فِى ٱلْقُبُورِ ﴿9﴾
तो क्या वह ये नहीं जानता कि जब मुर्दे क़ब्रों से निकाले जाएँगे
तो क्या वह जानता नहीं जब उगवला लिया जाएगा तो क़ब्रों में है
وَحُصِّلَ مَا فِى ٱلصُّدُورِ ﴿10﴾
और दिलों के भेद ज़ाहिर कर दिए जाएँगे
और स्पष्ट अनावृत्त कर दिया जाएगा तो कुछ सीनों में है
إِنَّ رَبَّهُم بِهِمْ يَوْمَئِذٍۢ لَّخَبِيرٌۢ ﴿11﴾
बेशक उस दिन उनका परवरदिगार उनसे ख़ूब वाक़िफ़ होगा
निस्संदेह उनका रब उस दिन उनकी पूरी ख़बर रखता होगा