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Surah The Mansions of the stars [Al-Burooj] in Hindi
وَٱلسَّمَاۤءِ ذَاتِ ٱلۡبُرُوجِ ﴿1﴾
बुर्ज़ों वाले आसमानों की क़सम
साक्षी है बुर्जोंवाला आकाश,
وَٱلۡیَوۡمِ ٱلۡمَوۡعُودِ ﴿2﴾
और उस दिन की जिसका वायदा किया गया है
और वह दिन जिसका वादा किया गया है,
وَشَاهِدࣲ وَمَشۡهُودࣲ ﴿3﴾
और गवाह की और जिसकी गवाही दे जाएगी
और देखनेवाला, और जो देखा गया
قُتِلَ أَصۡحَـٰبُ ٱلۡأُخۡدُودِ ﴿4﴾
उसकी (कि कुफ्फ़ार मक्का हलाक हुए) जिस तरह ख़न्दक़ वाले हलाक कर दिए गए
विनष्ट हों खाईवाले,
إِذۡ هُمۡ عَلَیۡهَا قُعُودࣱ ﴿6﴾
जिसमें (उन्होंने मुसलमानों के लिए) ईंधन झोंक रखा था
जबकि वे वहाँ बैठे होंगे
وَهُمۡ عَلَىٰ مَا یَفۡعَلُونَ بِٱلۡمُؤۡمِنِینَ شُهُودࣱ ﴿7﴾
जब वह उन (ख़न्दक़ों) पर बैठे हुए और जो सुलूक ईमानदारों के साथ करते थे उसको सामने देख रहे थे
और वे जो कुछ ईमानवालों के साथ करते रहे, उसे देखेंगे
وَمَا نَقَمُوا۟ مِنۡهُمۡ إِلَّاۤ أَن یُؤۡمِنُوا۟ بِٱللَّهِ ٱلۡعَزِیزِ ٱلۡحَمِیدِ ﴿8﴾
और उनको मोमिनीन की यही बात बुरी मालूम हुई कि वह लोग ख़ुदा पर ईमान लाए थे जो ज़बरदस्त और सज़ावार हम्द है
उन्होंने उन (ईमानवालों) से केवल इस कारण बदला लिया और शत्रुता की कि वे उस अल्लाह पर ईमान रखते थे जो अत्यन्त प्रभुत्वशाली, प्रशंसनीय है,
ٱلَّذِی لَهُۥ مُلۡكُ ٱلسَّمَـٰوَ ٰتِ وَٱلۡأَرۡضِۚ وَٱللَّهُ عَلَىٰ كُلِّ شَیۡءࣲ شَهِیدٌ ﴿9﴾
वह (ख़ुदा) जिसकी सारे आसमान ज़मीन में बादशाहत है और ख़ुदा हर चीज़ से वाक़िफ़ है
जिसके लिए आकाशों और धरती की बादशाही है। और अल्लाह हर चीज़ का साक्षी है
إِنَّ ٱلَّذِینَ فَتَنُوا۟ ٱلۡمُؤۡمِنِینَ وَٱلۡمُؤۡمِنَـٰتِ ثُمَّ لَمۡ یَتُوبُوا۟ فَلَهُمۡ عَذَابُ جَهَنَّمَ وَلَهُمۡ عَذَابُ ٱلۡحَرِیقِ ﴿10﴾
बेशक जिन लोगों ने ईमानदार मर्दों और औरतों को तकलीफें दीं फिर तौबा न की उनके लिए जहन्नुम का अज़ाब तो है ही (इसके अलावा) जलने का भी अज़ाब होगा
जिन लोगों ने ईमानवाले पुरुषों और ईमानवाली स्त्रियों को सताया और आज़माईश में डाला, फिर तौबा न की, निश्चय ही उनके लिए जहन्नम की यातना है और उनके लिए जलने की यातना है
إِنَّ ٱلَّذِینَ ءَامَنُوا۟ وَعَمِلُوا۟ ٱلصَّـٰلِحَـٰتِ لَهُمۡ جَنَّـٰتࣱ تَجۡرِی مِن تَحۡتِهَا ٱلۡأَنۡهَـٰرُۚ ذَ ٰلِكَ ٱلۡفَوۡزُ ٱلۡكَبِیرُ ﴿11﴾
बेशक जो लोग ईमान लाए और अच्छे काम करते रहे उनके लिए वह बाग़ात हैं जिनके नीचे नहरें जारी हैं यही तो बड़ी कामयाबी है
निश्चय ही जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए उनके लिए बाग़ है, जिनके नीचे नहरें बह रही होगी। वही है बड़ी सफलता
إِنَّ بَطۡشَ رَبِّكَ لَشَدِیدٌ ﴿12﴾
बेशक तुम्हारे परवरदिगार की पकड़ बहुत सख्त है
वास्तव में तुम्हारे रब की पकड़ बड़ी ही सख़्त है
إِنَّهُۥ هُوَ یُبۡدِئُ وَیُعِیدُ ﴿13﴾
वही पहली दफ़ा पैदा करता है और वही दोबारा (क़यामत में ज़िन्दा) करेगा
वही आरम्भ करता है और वही पुनरावृत्ति करता है,
وَهُوَ ٱلۡغَفُورُ ٱلۡوَدُودُ ﴿14﴾
और वही बड़ा बख्शने वाला मोहब्बत करने वाला है
वह बड़ा क्षमाशील, बहुत प्रेम करनेवाला है,
ذُو ٱلۡعَرۡشِ ٱلۡمَجِیدُ ﴿15﴾
अर्श का मालिक बड़ा आलीशान है
सिंहासन का स्वामी है, बडा गौरवशाली,
هَلۡ أَتَىٰكَ حَدِیثُ ٱلۡجُنُودِ ﴿17﴾
क्या तुम्हारे पास लशकरों की ख़बर पहुँची है
क्या तुम्हें उन सेनाओं की भी ख़बर पहुँची हैं,
فِرۡعَوۡنَ وَثَمُودَ ﴿18﴾
(यानि) फिरऔन व समूद की (ज़रूर पहुँची है)
फ़िरऔन और समूद की?
بَلِ ٱلَّذِینَ كَفَرُوا۟ فِی تَكۡذِیبࣲ ﴿19﴾
मगर कुफ्फ़ार तो झुठलाने ही (की फ़िक्र) में हैं
नहीं, बल्कि जिन लोगों ने इनकार किया है, वे झुठलाने में लगे हुए है;
وَٱللَّهُ مِن وَرَاۤىِٕهِم مُّحِیطُۢ ﴿20﴾
और ख़ुदा उनको पीछे से घेरे हुए है (ये झुठलाने के क़ाबिल नहीं)
हालाँकि अल्लाह उन्हें घेरे हुए है, उनके आगे-पीछे से
بَلۡ هُوَ قُرۡءَانࣱ مَّجِیدࣱ ﴿21﴾
बल्कि ये तो क़ुरान मजीद है
नहीं, बल्कि वह तो गौरव क़ुरआन है,
فِی لَوۡحࣲ مَّحۡفُوظِۭ ﴿22﴾
जो लौहे महफूज़ में लिखा हुआ है
सुरक्षित पट्टिका में अंकित है