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Surah Solace [Al-Inshirah] in Hindi

Surah Solace [Al-Inshirah] Ayah 8 Location Maccah Number 94

أَلَمْ نَشْرَحْ لَكَ صَدْرَكَ ﴿1﴾

(ऐ रसूल) क्या हमने तुम्हारा सीना इल्म से कुशादा नहीं कर दिया (जरूर किया)

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

क्या ऐसा नहीं कि हमने तुम्हारा सीना तुम्हारे लिए खोल दिया?

وَوَضَعْنَا عَنكَ وِزْرَكَ ﴿2﴾

और तुम पर से वह बोझ उतार दिया

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और तुमपर से तुम्हारा बोझ उतार दिया,

ٱلَّذِىٓ أَنقَضَ ظَهْرَكَ ﴿3﴾

जिसने तुम्हारी कमर तोड़ रखी थी

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

जो तुम्हारी कमर तोड़े डाल रहा था?

وَرَفَعْنَا لَكَ ذِكْرَكَ ﴿4﴾

और तुम्हारा ज़िक्र भी बुलन्द कर दिया

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और तुम्हारे लिए तुम्हारे ज़िक्र को ऊँचा कर दिया?

فَإِنَّ مَعَ ٱلْعُسْرِ يُسْرًا ﴿5﴾

तो (हाँ) पस बेशक दुशवारी के साथ ही आसानी है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

अतः निस्संदेह कठिनाई के साथ आसानी भी है

إِنَّ مَعَ ٱلْعُسْرِ يُسْرًۭا ﴿6﴾

यक़ीनन दुश्वारी के साथ आसानी है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

निस्संदेह कठिनाई के साथ आसानी भी है

فَإِذَا فَرَغْتَ فَٱنصَبْ ﴿7﴾

तो जब तुम फारिग़ हो जाओ तो मुक़र्रर कर दो

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

अतः जब निवृत हो तो परिश्रम में लग जाओ,

وَإِلَىٰ رَبِّكَ فَٱرْغَب ﴿8﴾

और फिर अपने परवरदिगार की तरफ रग़बत करो

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और अपने रब से लौ लगाओ