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Surah Solace [Al-Inshirah] in Hindi
أَلَمۡ نَشۡرَحۡ لَكَ صَدۡرَكَ ﴿1﴾
(ऐ रसूल) क्या हमने तुम्हारा सीना इल्म से कुशादा नहीं कर दिया (जरूर किया)
क्या ऐसा नहीं कि हमने तुम्हारा सीना तुम्हारे लिए खोल दिया?
وَوَضَعۡنَا عَنكَ وِزۡرَكَ ﴿2﴾
और तुम पर से वह बोझ उतार दिया
और तुमपर से तुम्हारा बोझ उतार दिया,
ٱلَّذِیۤ أَنقَضَ ظَهۡرَكَ ﴿3﴾
जिसने तुम्हारी कमर तोड़ रखी थी
जो तुम्हारी कमर तोड़े डाल रहा था?
وَرَفَعۡنَا لَكَ ذِكۡرَكَ ﴿4﴾
और तुम्हारा ज़िक्र भी बुलन्द कर दिया
और तुम्हारे लिए तुम्हारे ज़िक्र को ऊँचा कर दिया?
فَإِنَّ مَعَ ٱلۡعُسۡرِ یُسۡرًا ﴿5﴾
तो (हाँ) पस बेशक दुशवारी के साथ ही आसानी है
अतः निस्संदेह कठिनाई के साथ आसानी भी है
إِنَّ مَعَ ٱلۡعُسۡرِ یُسۡرࣰا ﴿6﴾
यक़ीनन दुश्वारी के साथ आसानी है
निस्संदेह कठिनाई के साथ आसानी भी है
فَإِذَا فَرَغۡتَ فَٱنصَبۡ ﴿7﴾
तो जब तुम फारिग़ हो जाओ तो मुक़र्रर कर दो
अतः जब निवृत हो तो परिश्रम में लग जाओ,
وَإِلَىٰ رَبِّكَ فَٱرۡغَب ﴿8﴾
और फिर अपने परवरदिगार की तरफ रग़बत करो
और अपने रब से लौ लगाओ
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