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Surah The Calamity [Al-Qaria] in Hindi
وَمَاۤ أَدۡرَىٰكَ مَا ٱلۡقَارِعَةُ ﴿3﴾
और तुम को क्या मालूम कि वह खड़खड़ाने वाली क्या है
और तुम्हें क्या मालूम कि क्या है वह खड़खड़ानेवाली?
یَوۡمَ یَكُونُ ٱلنَّاسُ كَٱلۡفَرَاشِ ٱلۡمَبۡثُوثِ ﴿4﴾
जिस दिन लोग (मैदाने हश्र में) टिड्डियों की तरह फैले होंगे
जिस दिन लोग बिखरे हुए पतंगों के सदृश हो जाएँगें,
وَتَكُونُ ٱلۡجِبَالُ كَٱلۡعِهۡنِ ٱلۡمَنفُوشِ ﴿5﴾
और पहाड़ धुनकी हुई रूई के से हो जाएँगे
और पहाड़ के धुन के हुए रंग-बिरंग के ऊन जैसे हो जाएँगे
فَأَمَّا مَن ثَقُلَتۡ مَوَ ٰزِینُهُۥ ﴿6﴾
तो जिसके (नेक आमाल) के पल्ले भारी होंगे
फिर जिस किसी के वज़न भारी होंगे,
وَأَمَّا مَنۡ خَفَّتۡ مَوَ ٰزِینُهُۥ ﴿8﴾
और जिनके आमाल के पल्ले हल्के होंगे
और रहा वह व्यक्ति जिसके वज़न हलके होंगे,
وَمَاۤ أَدۡرَىٰكَ مَا هِیَهۡ ﴿10﴾
और तुमको क्या मालूम हाविया क्या है
और तुम्हें क्या मालूम कि वह क्या है?