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Surah The Flame [Al-Masadd] in Hindi

Surah The Flame [Al-Masadd] Ayah 5 Location Maccah Number 111

تَبَّتۡ یَدَاۤ أَبِی لَهَبࣲ وَتَبَّ ﴿1﴾

अबु लहब के हाथ टूट जाएँ और वह ख़ुद सत्यानास हो जाए

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

टूट गए अबू लहब के दोनों हाथ और वह स्वयं भी विनष्ट हो गया!

مَاۤ أَغۡنَىٰ عَنۡهُ مَالُهُۥ وَمَا كَسَبَ ﴿2﴾

(आख़िर) न उसका माल ही उसके हाथ आया और (न) उसने कमाया

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

न उसका माल उसके काम आया और न वह कुछ जो उसने कमाया

سَیَصۡلَىٰ نَارࣰا ذَاتَ لَهَبࣲ ﴿3﴾

वह बहुत भड़कती हुई आग में दाख़िल होगा

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

वह शीघ्र ही प्रज्वलित भड़कती आग में पड़ेगा,

وَٱمۡرَأَتُهُۥ حَمَّالَةَ ٱلۡحَطَبِ ﴿4﴾

और उसकी जोरू भी जो सर पर ईंधन उठाए फिरती है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और उसकी स्त्री भी ईधन लादनेवाली,

فِی جِیدِهَا حَبۡلࣱ مِّن مَّسَدِۭ ﴿5﴾

और उसके गले में बटी हुई रस्सी बँधी है

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

उसकी गरदन में खजूर के रेसों की बटी हुई रस्सी पड़ी है